Types Of Welding Joints – वेल्डिंग जोड़ के प्रकार

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वेल्डिंग क्या है ? / Welding kya hai?

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वेल्डिंग का इस्तमाल आज के समय में हर व्यक्ति ने किसी न किसी रूप से जरूर किया है वेल्डिंग का यूज़ आज के समाज में लगभग हर जगहों पर किया जाता है चाहे वह छोटी से छोटी वस्तु हो या बड़े से बड़े उपकरण बनांने के लिए वेल्डिंग का बहुत ही ज्यादा महत्व है। 

Types Of Welding Joints - वेल्डिंग जोड़ के प्रकार
Types Of Welding Joints – वेल्डिंग जोड़ के प्रकार 

वेल्डिंग की परिभाषा 

वेल्डिंग वह क्रिया जिसके द्वारा दो समान या असमान धातुओ को एक उचित ताप पर दबाव देकर या बिना दबाव के द्वारा फिलर रॉड या बिना फिलर रॉड का प्रयोग किये बिना जोड़ने की क्रिया को वेल्डिंग कहते है। 

वेल्डिंग के लाभ 

  1. यह अन्य विधियों की अपेक्षा सस्ता और कभी अच्छा होता है 
  2. यह मूल धातु की शक्ति के सामान ही शक्तिशाली जोड़ देता है 
  3. इसके द्वारा बड़े से बड़ा सामान भी आसानी से जोड़ा जा सकता है 
  4. किसी महंगे मशीन के टूटे या घिसे भागो को वेल्डिंग की सहायता से उसे पुनः कार्य योग्य बनाया जा सकता है 

Tpyes Of Welding Joints

वेल्डिंग जोड़ को निम्न 5 प्रकार से बाटा गया है 

  1. बट जोड़ /Butt Joint
  2. लैप जोड़ /Lap Joint
  3. T जोड़ / Tee Joint
  4. एज जोड़ / Edge Joint
  5. कॉर्नर जोड़ / Corner Joint

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1. बट जोड़ (Butt Joints)

यह वह जोड़ है जिसमे किसी धातु या वस्तु के किनारे को आमने-सामने से मिला कर जोड़ा जाता है बट जोड़ (Butt  Joint) कहलाते है। इस  जोड़ में अच्छे फ़यूजन के लिए दो प्लेटो की अनुसार गैप रखा जाता है जैसा आप चित्र में देख सकते है 

यहाँ पतले चादरों (प्लेटो) वेल्डिंग करने के लिए किनारे नहीं बनाने होते (V या U के रूप में किनारे नहीं बनांने पड़ते) 10mm या इससे अधिक मोटी प्लेटो  जोड़ने के लिए उसके किनारो की तैयारी की जाती है यहाँ प्लेट की मोटाई के अनुसार प्लेट को Single V या डबल V के सेप में आकर देना होता है और  आमने-सामने रख कर जोड़ा जाता है 

2. लैप जोड़ (Lap Joint)

ऐसे जोड़ जहा दो प्लेटो को आपस में एक दूसरे के ऊपर रख कर जोड़ा जाता है लैप जोड़ कहलाते है जैसा की ऊपर चित्र में दिखाया गया है 

3. T जोड़ (T Joint)

यह जोड़ देखंने में अंग्रेजी के Capital T जैसा होता है इस जोड़ में एक प्लेट के मध्य में जैसा की आप चित्र में देख रहे है खड़ी अवस्था में रख कर T जोड़ बनाई जाती है 

T जोड़ को अधिक से अधिक मजबूत बनाने के लिए इसके दोनों तरफ वेल्ड करना बहुत ही अच्छा होता है 

4. एज जोड़ (Edge Joint)

जैसा की आप चित्र में देख रहे है इस जोड़ में दो प्लेटो को इस प्रकार रखा जाता है की जोड़ लगने वाले किनारे एक ही सीध में हो तो इसे वेल्ड की सहायता से जोड़ा जाता है तो इस प्रकार की जोड़ को एज जोड़ Edge Joint कहते है 

ज्यादा अंदर तक वेल्ड मैटेरियल (फिलर धातु) नहीं जा पता या कम पेनीट्रेशन होने के कारण ये जोड़ बहुत ही कमजोर होती है इस वेल्डिंग में फिलर धातु बहुत ही काम प्रयोग में आती है 

5.कॉर्नर जोड़ (Corner Joint)

जब आपस में दो प्लेटो को आमने-सामने किसी कोण (Angle) पर आपस में मिला कर वेल्ड किया जाता है तो ऐसे जोड़ को कॉर्नर जोड़ कहते है इस जोड़ में प्लेटी की किनारो को बनाने की आवश्य्कता नहीं होती और इस जोड़ में प्लेटो के कोण Angle के दोनों तरफ वेल्ड करना होता है Angle के अन्दर था बाहर दोनों ओर से वेल्ड किया जाता है   

Types Of Welding Joints आशा है की ये टॉपिक आपको अच्छे से समझ आ गयी होगी वेल्डिंग जुड़े पोस्ट इस वेबसाइट में और भी है जिनको आप पढ़ सकते है। 

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